‘‘ढाई आखर प्रेम का’’ पुस्तक में ओशो द्वारा विभिन्न मित्रों, प्रेमियों एवं संन्यासियों को लिखे गए 150 अमश्त-पत्रों का समावेश है। जिसके मुख्य बिंदु प्रेम शब्दों में कहा भी कहां जाता है।
जीवन एक न सुलझने वाली-सुलझी हुई पहेली, भागो मत-रुको और जागो, दीये की परीक्षा-आंधियों में ही, पीड़ा-बीज के अंकुरित होने की, बेषर्त, अपेक्षारहित प्रेम की सुवास इत्यादि हैं। जिनको पढ़ने पर प्रेम की अनुभूति की महक पूरे हृदय को महका देती है।
यह किताब कुल 195 पृष्ठ सहित आकर्षक आवरण में उपलब्ध है।
ISBN: 978-81-8393-265-3
Price: Rs. 125
जीवन एक न सुलझने वाली-सुलझी हुई पहेली, भागो मत-रुको और जागो, दीये की परीक्षा-आंधियों में ही, पीड़ा-बीज के अंकुरित होने की, बेषर्त, अपेक्षारहित प्रेम की सुवास इत्यादि हैं। जिनको पढ़ने पर प्रेम की अनुभूति की महक पूरे हृदय को महका देती है।
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