ये सूत्र प्रेम के सूत्र हैं। इस सूत्रों में तुम न तर्क पाओगे, न कोई प्रमाण पाओगे। इन सूत्रों में तुम कोई बौद्धिक विलास न पाओगे। ये सूत्र सीधे-सीधे हृदय से झरे हुए सूत्र हैं। इनमें जरूर तुम प्यार की गर्मी पाओगे, आलिंगन का आस्वाद पाओगे, जीवन के सौंदर्य की झलक पाओगे।
निरगुन चुनरी निर्बान, कोउ ओढ़ै संत सुजान।
एक-एक शब्द प्यारा है। थोड़े से ही शब्द हैं; मगर एक-एक शब्द एक-एक शास्त्र बन जाए, इतना गहन! इतना सरल और इतना गहन! इतना सीधा-साफ और इतना गंभीर!
Publisher: Rebel
ISBN: 81-7261-178-1
Price: Rs. 280
निरगुन चुनरी निर्बान, कोउ ओढ़ै संत सुजान।
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